Thursday, 12 April 2012

तेरे अश्कों से भींगे ख़त

घने अंधेरे में भी रोशन-रोशन मेरी शब

तेरे अश्कों से भींगे ख़त जलते रहते हैं।

गुल्लख नहीं तोड़ी जाती

हज़ारों सपनों का सबसे बड़ा खजाना है

मुझसे औलाद की गुल्लख नहीं तोड़ी जाती।