रतजगे
डॉ.अभिज्ञात की ग़ज़लें
Tuesday 12 June 2012
घाटे के भी सौदों में
घाटे के भी सौदों में है मैने कमाई की
दिल तोड़ दिया तुमने कुछ शेर निकल आये।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment