रतजगे
डॉ.अभिज्ञात की ग़ज़लें
Saturday, 22 March 2014
मेरे रकीब
आजा कर दूं मैं तेरे हौसले की आफजाई
मेरे रकीब तुझे थोड़ी थकन लगती है।
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