इश्क़ तुमसे है छिपाना क्या है॥
लाख फिर रोके ज़माना क्या है॥
जिसपे कुछ नाम लिखें हैं जुड़वां
रिश्ता उस दर से पुराना क्या है॥
दो घड़ी मिल के कहीं खो जाना
साथ इस तरह निभाना क्या है॥
आ कभी देखने की ख़ातिर ही
अब तेरे बिन ये दीवाना क्या है॥
उसकी तिरछी नज़र से सीखे कोई
तीर कैसा हो, निशाना क्या है
मां के साये में रह लिया जो भी
जानता है कि ख़जाना क्या है॥
I am raelly surprised!!
ReplyDelete