Sunday, 27 September 2009

तूने ली है ज़रूर अंगड़ाई..

तूने ली है ज़रूर अंगड़ाई॥

तेरी खुशबू लिए हवा आई॥


इश्क़ वालों से दूर ही रहना

नाप लेते हैं दिल की गहराई॥


शोर खामोश सा कर देता है

कितनी बातें करे है तन्हाई॥


फ़क्त किरदार बदल जाते हैं

सारी बातें यहां कि आजमाई॥


ख़्वाब का मुझको इन्तज़ार रहा

नींद मुझको न रात भर आई॥

3 comments:

  1. aap ki gajaleyn bhahut achhi hain
    kam se kam main to aapka kadardan ban gaya hoon
    mere blog par bhi kabhi aaeeyee

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  2. ILLAHI KAISI KAISI SOORTEIN TOONEIN BANAI HAIN KI HAR SOORAT KALEZE SE LAGA LENE KE KABIL HAI ---AGYAT

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  3. AAPKI COLLECTION NET PAR NAHI BOOK KI SHAKAL MEIN CHAHIYE

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