वो मुझसे खेलेगा, नाकाम करके छोड़ेगा॥
नया खिलौना कोई फिर से हाथ ले लेगा॥
अभी यक़ीं न होगा बाद मेरे दुनिया में
तेरा ठिकाना कोई मेरे घर से पूछेगा॥
कोई अफ़सानानिगारी नहीं कसम ले लो
मैं बुत बना हूं कि वो शख़्स मुझे छू लेगा॥
नहीं वो ग़म की तासीर से वाकिफ़ बेशक़
कैसे मुमकिन है कोई ज़ार-ज़ार रो लेगा॥
मैंने ये सोच के दस्तक ही नहीं दी दर पे
मेरी गली की तरफ़ खिड़कियां वो खोलेगा॥
welcome ,nice
ReplyDeleteमैंने ये सोच के दस्तक ही नहीं दी दर पे
ReplyDeleteमेरी गली की तरफ़ खिड़कियां वो खोलेगा॥
बहुत सुन्दर शुभकामनायें
bahut achi gazal liklhi hai apne...
ReplyDeleteacha laga blog pe akar
wah! narayan narayan
ReplyDeleteDuniyadari nibha to saktey theey
ReplyDeleteDil hi seeney mein doosra na hua
sari duniya ki munsafi kar li
ek apna hi faisla na hua---
VIDYA RATTAN AASI OF JAMMU