दिल में सौ तोहमतें ग़िला रखिये।।
चाहे जैसा हो सिलसिला रखिये।।
लूटने वाला हंसी है इतना
जां से जाने का हौसला रखिये।।
दिल की खिड़की अगर खुली हो तो
दिल के चारों तरफ़ क़िला रखिये।।
और क्या आजमाइशें होंगी
पास आकर भी फ़ासला रखिये।।
फिर भी तनहाइयां सतायेंगी
आप चाहे तो क़ाफिला रखिये।।
वो मेरे ख़त मेरी इबादत हैं
मत ख़जाने से अलहदा रखिये।।
हम तो उड़ जायेंगे परिन्दों से
याद में कोई घोंसला रखिये।।
वो मेरे ख़त मेरी इबादत हैं
ReplyDeleteमत ख़जाने से अलहदा रखिये।।
-बहुत खूब कहा!! वाह!