मेरी पुरनम कहानियां सुनकर।।
दिल की डूबें न कश्तियां सुनकर।।
तेरे चर्चे में फूलों की खुशबू
पास आती हैं तितलियां सुनकर।।
दूल्हा बाज़ार से ख़रीदेंगे
क्या कहेंगी ये बेटियां सुनकर।।
वह मुझे याद कर रही होगी
लोग टोकेंगे हिचकियां सुनकर।।
सच भी उसको लगे बहाने सा
ख़त्म होंगी न दूरियां सुनकर।।
बहुत सुन्दर गजले है आपकी फ़िर आउन्गा कभी पढने के लिए बडा अच्छा लगा आपके ब्लाग पर आके, आपको फ़िर से एक बार बधाई
ReplyDeletegud one again
ReplyDeleteसच भी उसको लगे बहाने सा
ख़त्म होंगी न दूरियां सुनकर।।
hota hai aisa hi aksar